नरेश गोयल को बंबई हाई कोर्ट से मिली चिकित्सा के आधार पर जमानत
जेट एयरवेज के संस्थापक naresh goyal ko milee jamaanat के समाचार ने उद्योग में हलचल मचा दी है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को बंबई हाई कोर्ट से चिकित्सा के आधार पर naresh goyal ko milee jamaanat मिली है। गोयल ने अपने वकील के माध्यम से मानवीय और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत की अपील की थी। नरेश गोयल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उनकी चिकित्सा मुंबई के रिलायंस अस्पताल में जारी है।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी और मेडिकल आधार पर राहत
नरेंद्र गोयल की गिरफ्तारी 1 सितंबर, 2023 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत की गई थी। यह दूसरा मौका है जब naresh goyal ko milee jamaanat चिकित्सा के आधार पर दी गई है। इससे पहले मई 2023 में भी उन्हें कैंसर के इलाज के लिए दो महीने की अस्थायी जमानत दी गई थी। वर्तमान में वे मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद थे, और अदालत से राहत मिलने के बाद उन्हें अस्पताल में इलाज जारी रखने की अनुमति दी गई है।
पत्नी अनिता गोयल के निधन का दुखद समय
naresh goyal ko milee jamaanat ऐसे कठिन समय में मिली जब उनकी पत्नी अनिता गोयल का 16 मई को निधन हो गया था। वे लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थीं और इस बीमारी से लड़ते हुए उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। गोयल परिवार के लिए यह बेहद मुश्किल समय रहा, क्योंकि इस कठिन समय में नरेश गोयल भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
जेट एयरवेज का इतिहास और बंद होने की वजहें
नरेश गोयल ने 1993 में जेट एयरवेज की स्थापना की थी, जो 26 वर्षों तक भारत की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन कंपनी बनी रही। लेकिन अप्रैल 2019 में कंपनी को आर्थिक तंगी के चलते अपना परिचालन बंद करना पड़ा। भारी कर्ज के कारण जेट एयरवेज को अपनी सेवाएं रोकनी पड़ी, जिसके बाद गोयल ने मई 2019 में चेयरमैन पद भी छोड़ दिया। naresh goyal ko milee jamaanat से उनके और जेट एयरवेज के भविष्य में राहत की उम्मीद जगी है।
केनरा बैंक से ऋण और फोरेंसिक जांच में सामने आए खुलासे
जेट एयरवेज पर केनरा बैंक का 538.62 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया था। बैंक ने जेट एयरवेज को 848.86 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट और लोन दी थी। वर्ष 2021 में केनरा बैंक ने आरोप लगाया कि जेट एयरवेज के फोरेंसिक ऑडिट में कंपनी के फंड्स का दुरुपयोग सामने आया। बैंक ने दावा किया कि जेट एयरवेज ने अपने जुड़े कंपनियों को 1,410.41 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, जो कंपनी के खाते से निकाले गए थे।
निजी खर्च के लिए जेट एयरवेज के फंड का उपयोग
गोयल परिवार पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने स्टाफ के वेतन, फोन बिल, और वाहन खर्च जैसे निजी खर्चों का भुगतान भी जेट एयरवेज के खाते से किया। इन खर्चों को कंपनी के फंड्स से निपटाया गया, जो कि फंड्स के दुरुपयोग की श्रेणी में आता है और जिसके कारण कानूनी कार्यवाही की शुरुआत की गई। इस संदर्भ में, naresh goyal ko milee jamaanat से उनके पास अपना पक्ष रखने का अवसर मिला है।

जेट एयरवेज को फिर से शुरू करने का प्रयास: जालान-कालरोक कंसोर्टियम की भूमिका
जेट एयरवेज को फिर से जीवित करने की प्रक्रिया जून 2021 में शुरू हुई, जब जालान-कालरोक कंसोर्टियम ने NCLT की नादारी रेजोल्यूशन प्रक्रिया के तहत जेट एयरवेज की बोली जीती। यह कंसोर्टियम एक संयुक्त उद्यम है, जिसमें दुबई के व्यापारी मुरारी लाल जालान और लंदन की फर्म कालरोक कैपिटल शामिल हैं। इन कंपनियों ने मिलकर जेट एयरवेज को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है, लेकिन अभी तक एयरलाइन का परिचालन शुरू नहीं हुआ है। naresh goyal ko milee jamaanat के बाद इस प्रक्रिया में भी तेजी की संभावना बढ़ी है।
नरेश गोयल की कानूनी समस्याएं और आगे का रास्ता
naresh goyal ko milee jamaanat ने उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करने का एक अवसर प्रदान किया है। गोयल का कहना है कि उन्होंने सभी वित्तीय कार्यवाही वैध रूप से की है और वे खुद को निर्दोष मानते हैं। चिकित्सा के आधार पर मिली यह जमानत उनके लिए राहत का एक महत्वपूर्ण कदम है और उन्हें आगे कानूनी समस्याओं का हल खोजने का अवसर मिल सकता है।
भारत की निजी एयरलाइन का भविष्य और जेट एयरवेज की भूमिका
जेट एयरवेज ने भारतीय एविएशन इंडस्ट्री को एक नए मुकाम पर पहुंचाया था, लेकिन भारी कर्ज और वित्तीय संकट के कारण इसे परिचालन बंद करना पड़ा। naresh goyal ko milee jamaanat और जालान-कालरोक कंसोर्टियम के पुनर्जीवित प्रयासों से जेट एयरवेज के फिर से उठ खड़े होने की संभावनाएं बनी हुई हैं।
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